Kavita Toh Kahi Nahi - Archana Singh - Bøger - Notion Press - 9781638325222 - 7. april 2021
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Kavita Toh Kahi Nahi

Archana Singh

Pris
DKK 195

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Kavita Toh Kahi Nahi

कविता की गरà¥à¤®à¤¾à¤¹à¤Ÿ आपको पूरे संगà¥à¤°à¤¹ में मिलेगी, जिसमें डॉकà¥à¤Ÿà¤° अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ राकेश सिंह का मन, अनà¥à¤­à¤µ, चेतना, दृषà¥à¤Ÿà¤¿ सब शामिल है. यही कहना चाहूंगा कि हां यह कविता ही है ....! पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª सोमवंशी (कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥€ संपादक, हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨) यह मातà¥à¤° कविताà¤à¤ नहीं हैं, यह सरल शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में लिखी गहरी सोच है. आज मैं अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ मैम का कवियितà¥à¤°à¥€ रूप देखकर सà¥à¤¤à¤¬à¥à¤§ हूà¤, निशबà¥à¤¦ हूठऔर उनका छातà¥à¤° होने के नाते गौरवानà¥à¤µà¤¿à¤¤ महसूस कर रहा हूà¤. आयà¥à¤·à¥à¤®à¤¾à¤¨ ख़à¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ (फिलà¥à¤® अभिनेता, गायक) उनकी कविताओं में पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, पà¥à¤°à¥‡à¤® और करà¥à¤£à¤¾ का à¤à¤¸à¤¾ संगम है जिसको जब भी पाठक आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ करने बैठे तब समà¤à¥‹ वो उसका जीवन है जो इन कविताओं के माधà¥à¤¯à¤® से à¤à¤• बार फिर आंखों के आगे से गà¥à¤œà¤°à¤¨à¥‡ लगता है. इन कविताओं में वही सपने शामिल हैं जिनके ख़à¥à¤µà¤¾à¤¬ पाठकों ने देखे थे कभी. उनकी लेखनी में हर आम जन मानस का अकà¥à¤¸ छà¥à¤ªà¤¾ है कहीं न कहीं. डॉकà¥à¤Ÿà¤° मंजू डागर चौधरी, कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥€ संपादक (अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ मामले) कॉरà¥à¤ªà¥‹à¤°à¥‡à¤Ÿ इनसाइट आयरलैंड डॉकà¥à¤Ÿà¤° अरà¥à¤šà¤¨à¤¾, जो अपने छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के लिठहमेशा उनकी चहेती 'अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ मैम' रहेंगी अपने जीवन के खटà¥à¤Ÿà¥‡-मीठे अनà¥à¤­à¤µ बहà¥à¤¤ सहजता से अपनी कविताओं में पिरो देती हैं और अपने पाठकों को अपने संग à¤à¤• मनोरम सफ़




र पर ले जाती है. `मातृभाषा का पà¥à¤°à¤­à¤¾à¤µ' और `ज़à¥à¤°à¥à¤°à¤¾à¤¬à¥‡à¤‚ ' मेरी सबसे पसंदीदा कविताà¤à¤ हैं. जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ कपूर (फिलà¥à¤® पटकथा लेखक) बधाई हो, गà¥à¤¡ नà¥à¤¯à¥‚ज़ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ This collection of poems by Prof. Archana R. Singh, from School of Communication Studies, Panjab University is an expression of her sensitivity, creativity and intellectual capacity to understand the modern society. They are unputdownable. Khushwant Singh Author and State Information Commissioner, Punjab.

Medie Bøger     Paperback Bog   (Bog med blødt omslag og limet ryg)
Udgivet 7. april 2021
ISBN13 9781638325222
Forlag Notion Press
Antal sider 140
Mål 127 × 203 × 8 mm   ·   158 g
Sprog Hindi  

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Mere med Archana Singh